fact-behind-president-kovind-gains-3M-new-followers-hour

जानें चंद मिनटों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के 3 मिलियन ट्विटर फॉलोवर्स की सच्चाई।

0Shares

भारतीय मीडिया के ज्यादातर नामी मीडिया संस्थान बिना पूर्ण जानकारी और खबर की सत्यता की जांच किये सबसे तेज होने का टैग पाने के चक्कर में खबरें परोस रहे हैं। ऐसे मीडिया संस्थानों में TRP और चाटुकारिता में सबसे तेज निकले के होड़ में खबरों की सत्यता और विस्वसनीयता को ताक पर रख दिया है। यही वजह है कि देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ट्विटर पर आने के कुछ मिनटों में ट्विटर अकाउंट पर 3 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स से जुडी खबर को ज्यादातर मीडिया संस्थानों ने आप तक बिना उसकी सत्यता जाने ब्रेकिंग न्यूज़ के तौर में सबसे पहले पहुँचाने के चक्कर में आप तक खबर गलत पहुँचाया। इनमे देश के नामी मीडिया संस्थान शामिल हैं।




आइये हम आपको बहुत ही सरल तरीके से बताते हैं आखिर क्या सच्चाई है देश के नए राष्ट्रपति चुने जाने वाले श्री राम नाथ कोविंद के ट्विटर पर आने के कुछ मिनटों में 3 मिलियन फॉलोवर्स कैसे हो गए। दरअसल ट्विटर पर @rashtrapatibhvn का ट्विटर हैंडल जोकि अब तक देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी के कार्यकाल में राष्ट्रपति भवन ऑफिस से हैंडल किया जाता था। इस ट्विटर हैंडल के 3 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। नए राष्ट्रपति चुने जाने पर इस अकाउंट को रामनाथ कोविंद के ऑफिस को सौंप दिया गया है। इस ट्विटर हैंडल से प्रणव मुखर्जी जी के कार्यकाल के दौरान की हिस्ट्री/ट्वीट्स को संग्रहीत कर नए ट्विटर हैंडल @POI13 बना दिया है। जो की अब प्रणव मुखर्जी जी का ट्विटर हैंडल होगा।




दरअसल किसी भी देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री के ऑफिसियल ट्विटर एकाउंट्स सरकार की डिजिटल सम्पति मानी जाती है। सरकार या ऑफिसियल्स के बदलने पर सम्बंधित ट्विटर एकाउंट्स उस ऑफिशल्स को सौंप दिया जाता है। हालाँकि ऐसा न करने पर ट्विटर की अपनी पालिसी के तहत ऑफिसियल अकाउंट वर्तमान ऑफिशल्स को सौंप सकता है। ट्विटर वर्तमान ऑफिशल्स से पहले सम्बंधित हिस्ट्री को वर्तमान फॉलोवर्स के साथ संग्रहीत कर नए नाम से पूर्व ऑफिशल इस अकाउंट को हैंडल करने के लिए अकाउंट एक्टिव करता है। जिस तरह से ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद @POTUS ट्विटर हैंडल को ओबामा से ट्रम्प को सौंप दिया गया था, ठीक उसी तरह @RashtrapatBhvn ट्विटर अकाउंट पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दिया गया है।




कुछ मीडिया संस्थान खुद को तेज, सबसे तेज, सबसे विश्वसनीय, सबसे ज्यादा देखा / पढ़ा जाने वाला बताने वाले मिडिया संस्थान साबित करने के चक्कर में खुद को बेहतर और दूसरों को पीछे दिखने में होड़ लगा रखी है। इस होड़ में शायद इन मीडिया संस्थानों को ख़बरों की सत्यता, विश्वसनीयता, भरोसेमंद होना शायद मायने नहीं रखता।



Loading

Leave a Reply