लगातार कई राजनितिक पार्टियों द्वारा किये जा रहे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ के मामले की शिकायत को चुनाव आयोग ने भले ही मानने से इंकार करती रही हो, चुनाव आयोग ने भले ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ न होने की तमाम दावें किये हो, लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा दायर आरटीआई के जबाब में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ की बात सामने आई है। जिससे चुनाव आयोग द्वारा किये जा रहे तमाम दावों की पोल खोल दी है। आरटीआई कार्यकर्त्ता गलगली द्वारा दायर की गई आरटीआई के बदले मिलने वाले जबाब में हाल ही में महाराष्ट्र में हुए ज़िला परिषद चुनाव के दौरान लोणार के सुल्तानपुर गांव में मतदान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ की बात को जिलाधिकारी ने स्वीकार की है।
मतदान के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार को वोट दिए जाने पर कमल (BJP) चुनाव चिन्ह के सामने वाले एलईडी बल्ब जलने की बात सामने आई थी। निर्दलीय प्रत्याशी द्वारा शिकायत किये जाने पर चुनाव अधिकारी ने जांच रिपोर्ट तैयार की गई।आरटीआई कार्यकर्त्ता गलगली के आरटीआई दायर करने से मामला सामने आया है। चुनाव आयोग के तमाम दावों के बावजूद इस मामले के सामने आने से साबित हो गया कि ईवीएम में छेड़छाड़ संभव है।
देश की तमाम पॉलिटिकल पार्टियों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ का मामला उठाया था। पंजाब व गोवा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने भी पूरे जोर-शोर से ईवीएम में छेड़छाड़ का मामला उठाया था। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता व दिल्ली सरकार के मंत्री रह चुके सौरभ भारद्वाज जोकि पेशे से कंप्यूटर इंजिनियर रह चुके हैं ने दिल्ली विधानसभा में मोचक टेस्ट करके भी दिखाया था की किस तरह ईवीएम में छेड़छाड़ संभव है। फिलहाल चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों के दावों को ख़ारिज कर दिया था।