वायरल बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज Symptoms, Causes and Home remedies for Viral fever

Viral fever के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज | Symptoms, Causes and Home remedies

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वायरल फीवर क्या है (What is Viral Fever)

संक्रमण से होने वाले बुखार को वायरल फीवर (Viral Fever) या बुखार कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार वायरल फीवर होने पर शरीर के तीनों दोष (वात, पित्त, कफ) प्रकूपित होकर विभिन्न लक्षण दिखाते है।

वायरल बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज Symptoms, Causes and Home remedies for Viral fever

वायरल बुखार होने के कारण (Causes of Viral Fever in Hindi)

आम तौर पर वायरल फीवर मौसम के बदलने पर रोगों से लड़ने की क्षमता के कम होने पर होता है। लेकिन इसके सिवा वायरल बुखार होने के और भी कई कारण हैं। जैसे:-

  • दूषित जल एवं भोजन ग्रहण करना 
  • दूषित वायु ग्रहण करना 
  • रोगों से लड़ने की क्षमता की कमी
  • वायरल बुखार हुए रोगी के संपर्क में आना 

वायरल फीवर होने के लक्षण (Symptoms of  Viral Fever in Hindi)

वायरल फीवर के लक्षण (viral fever symptoms in hindi) सामान्य रूप से होने वाले बुखार की तरह ही होते हैं। शुरूआती दिनों में गले में दर्द, थकान, खाँसी जैसी समस्या होती (viral fever ke lakshan) है।

इसके अलावा और भी कुछ आम लक्षण होते हैं जैसे:-  थकान, पूरे शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान बढ़ना, खाँसी, जोड़ो में दर्द, दस्त, त्वचा के ऊपर रैशेज होना, सर्दी लगना, गले में दर्द, सिर दर्द, आँखों में लाली तथा जलन रहना, उल्टी और दस्त का होना।

वायरल बुखार ठीक होने में 5-7 दिन भी लग जाते है। परन्तु सही इलाज के अभाव में यह 12-15 दिन (viral fever kitne din rehta hai) तक भी रह सकता है।

वायरल फीवर से बचाव के उपाय (Prevention for Viral Fever in Hindi)

कुछ सावधानियां बरतने और खान-पान में थोड़ा बदलाव करने पर इस बीमार से बचा जा सकता है। 

  • खाने में उबली हुई सब्जियां, हरी सब्जियों का सेवन करें। 
  • स्वच्छ पानी एवं स्वच्छ भोजन ग्रहण करें। 
  • उबला हुआ पानी गुनगुना पिएँ।
  • ध्यान रहे वायरल बुखार से ग्रस्त रोगी से दूरी बनाकर रखें। 
  • मौसम में बदलाव के समय सही खान-पान, रहन-सहन का पालन करें।

वायरल बुखार से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्ख़े (Home remedies for Viral Fever Treatment in Hindi)

घरेलू नुस्ख़ो को अपनाकर भी वायरल फीवर से राहत पाया जा सकता है। चलिये इनके बारे में विस्तृत से जानते हैं।

  • वायरल बुखार में होने वाले दर्द में अदरक बेहद लाभदायक होता है। अदरक के पेस्ट में थोड़ा शहद मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर में लेने से आराम मिलता है।
  • मेथी के दानों को एक ग्लास पानी में डालकर रात भर के लिए छोड़ दें और सुबह इस पानी को छानकर रख लें। इस पानी का सेवन हर दो घंटे में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करें।
  • वायरल फीवर में दालचीनी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करता है, इससे खाँसी-संक्रामक जुकाम एवं गले में दर्द जैसे लक्ष्णों में आराम मिलता है। एक कप पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर और दो इलायची डाल लें और इसको पाँच मिनट तक उबाल लें। इसे छानकर गरम ही पिएँ।
  • धनिया के बीज वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की शक्ति को बढ़ाते है। धनिया में पाया जाने वाला वाष्पशील तेल प्रभावी रूप से वायरल फीवर को ठीक करता है।
  • एक कप पानी में दो छोटी चम्मच किशकिश डालें और फूलने दें। आधे घंटे के बाद इसे इसी पानी में पीस लें और छान लें और इसमें आधे नींबू का रस मिलाकर पी लें।
  • 5-7 तुलसी के पत्ते और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें। हर दो घंटे के अंतराल में आधा कप की मात्रा में इसको पिएँ।
  • एक अंगुल मोटी या 4-6 लम्बी गिलोय को लेकर 400 मि.ली. पानी में उबालें। 100 मि.ली. शेष रहने तक इस उबालें और पिएँ। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है तथा बार-बार होने वाली सर्दी-जुकाम व बुखार (giloy for viral fever) नहीं होते।
  • एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण और एक चम्मच सौंठ के पाउडर को एक कप पानी और थोड़ी चीनी डालकर उबाल लें। जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा कर के पिएँ।
  • 2-4 लौंग को पीस कर पाउडर तैयार कर लें अब इसे एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार लें।
  • वायरल बुखार होने अंगों में दर्द एवं ऐंठन होने लगती है ऐसे में लहसुन के साथ पकाए हुए सरसों के तेल से हाथ-पैरों में मालिश (viral fever treatment) करें।
  • काकड़ासिंगी और पीपल का चूर्ण लें, इन्हें बराबर मात्रा में मिलाएँ और आधे चम्मच की मात्रा में एक चम्मच शहद के साथ बच्चों को खिलाएँ। इस प्रयोग को दिन में दो बार करें।
  • हल्दी और सोंठ के पाउडर में इम्यूनिटी बढ़ाने  वाला गुण होता है और इसी गुण के कारण इस मिश्रण का सेवन वायरल फीवर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। अगर आप वायरल बुखार से पीड़ित हैं तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर हल्दी और सोंठ पाउडर का सेवन करें।
  • आयुर्वेद के अनुसार नींबू और शहद दोनों में ही इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं. इसीलिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ वायरल बुखार होने पर नींबू और सहाद के उपयोग की सलाह देते हैं. इसके लिए आप एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं. यह मिश्रण शरीर को डिटॉक्स भी करता है और साथ में इम्यूनिटी भी बढ़ाता है।

(डिस्केलमर: लेख में दी गई सलाह केवल सामान्य जानकारी है. ये एक्सपर्ट की राय नहीं है.)

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