BJP selling 132 commercial plots at throwaway rates Dilip Pandey

BJP शासित MCD, 132 प्लॉट्स को औने-पौने दामों में बेचने की तैयारी में: दिलीप पाण्डेय

0Shares

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता, विधायक और विधानसभा में चीफ व्हिप दिलीप पांडेय ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी (MCD) संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के 132 प्लॉट्स को औने-पौने दामों में बेचने की तैयारी में है। इन 132 प्लॉट्स में से 94 प्लॉट्स अस्पताल, शौचालय, पार्क, फूड जोन्स, नाइट शेल्टर आदि जैसे सामुदायिक सुविधाओं के लिए आवंटित थे। ज़मीन के जिस टुकड़े से इनके राजस्व की आमदनी हो सकती थी उसको यह लोग बेचने जा रहे हैं।

https://youtu.be/Ifg1kkdy-R4

उन्होंने कहा कि एमसीडी के आगामी चुनाव में सूपड़ा साफ होने के डर से भाजपा सबकुछ बेचकर अपनी तिजोरी भरने में लगी है। मेरी भाजपा से गुजारिश है कि जाते-जाते ईमानदारी का एक छोटा सा काम कर दीजिए। बस इतना बता दीजिए कि किसकी जेब में कितना पैसा गया है। प्रेसवार्ता में मौजूद नॉर्थ एमसीडी के एलओपी विकास गोयल ने दिलीप पांडेय की बात से सहमति जताई और कहा कि भाजपा ने स्कूल और अस्पताल की ज़मीने तक नहीं छोड़ी। सबकुछ प्राइवेट माफियाओं को बेचकर सिर्फ और सिर्फ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करने में व्यस्त है।

भारतीय जनता पार्टी को अब यह स्पष्ट हो चुका है कि आगामी चुनाव में उनका सूपड़ा साफ होने वाला है। उनकी हरकतों की वजह से चुनाव से पहले ही दिल्ली की जनता उन्हें लगभग नकार चुकी है। और अब जबकि उनका जाना तय है, लूट-खसोट और भ्रष्टाचार के जरिए, जो कुछ भी शेष रह गया हो 15 सालों की लूट के बाद, उसे भी लूटकर अपनी जेब गर्म करने की, तिजोरी भरने की तैयारी चल रही है।

उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहूंगा कि इन 132 प्लॉट्स में से 94 प्लॉट्स ऐसे हैं जो सामुदायिक सुविधाओं के लिए थे। इन 94 प्लॉट्स पर या तो शौचालय बनना तय था, पार्क बनना तय था, फूड जोन्स बनना था, ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर नाइट शेल्टर बनना तय था। एमसीडी ने इन 94 प्लॉट्स को भी अपनी लूट में शामिल कर लिया। ऐसा नहीं है कि ऐसी घिनोनी हरकत यह लोग पहली बार कर रहे हैं। ज़मीन के जिस टुकड़े से इनके राजस्व की आमदनी हो सकती थी उसको यह लोग बेचने जा रहे हैं।

MCD Badlaav’ कैंपेन के पहले दिन करीब 1.5 लाख लोगों ने ली ‘AAP’ की सदस्यता

Loading

Leave a Reply