आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता, विधायक और विधानसभा में चीफ व्हिप दिलीप पांडेय ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया।
दिलीप पांडेय ने कहा कि आज हम आपको एक महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी देंगे। इस मुद्दे पर हम पहले भी प्रेस वार्ता कर चुके हैं। कहते हैं कि जब जहाज डूबता है तो जो सबसे भयभीत होती है, वह जहाज पहले छोड़ता है। आज जिस घोटाले का, जिस भ्रष्टाचार के मामले का जिक्र हम कर रहे हैं उसमें भाजपा निगम रूपी जहाज को डुबाकर उसका सारा खजाना लूटकर भागने जा रही है। दिल्ली में ज़मीन के दो बड़े-बड़े टुकड़े, एमसीडी द्वारा उनका अधिकान किया गया, एक जहां करोलबाग में झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक है और दूसरा नरेला जोन में कुतुबगढ़ डिस्पेंसरी कॉम्पलेक्स है।
‘आप’ विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक और नरेला जोन में कुतुबगढ़ डिस्पेंसरी कॉम्पलेक्स को प्राइवेट माफियाओं को मुफ्त में देने जा रही है। पहले जहां गरीबों को मुफ्त में इलाज मिलता था, वहीं अब उन्हें इलाज शुल्क भरना पड़ेगा। मैं बीजेपी के नेताओं, मेयर और प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से पूछना चाहता हूं कि डीएमसी एक्ट 1957 को बायपास करके, गरीबों के लिए जो काम हो रहा था, उसे बेचकर आप और आपके प्राइवेट ओनर्स कितना पैसा खा रहे हैं? वहीं विशेष रवि ने कहा कि एमसीडी ने प्राइवेट संस्था से बिना कोई फीस लिए इन ज़मीनों के लिए 20 सालों का लाइसेंस दिया है। नॉर्थ एमसीडी के एलओपी ने कहा कि नॉर्थ एमसीडी में हेल्थकेयर से संबंधित जितनी भी ज़मीने हैं, चाहे वों डिस्पेंसरी हों, मेडिकल सेंटर हों, मेटरनिटी सेंटर हों और चाहे वह अस्पातालों की खाली ज़मीन हो, उनको भाजपा मुफ्त में अपने लोगों को बांट रही है। जिन प्राइवेट एनजीओ को भाजपा यह ज़मीने दे रही उनके मालिक भाजपा के ही लोग हैं।
दिलीप पांडेय ने कहा, कुतुबगढ़ डिस्पेंसरी कॉम्पलेक्स की ज़मीन लगभग 4000 वर्ग मीटर है। 500 गज के आसपास झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक की ज़मीन है। इन दोनों ज़मीनों के टुकड़ों का अधिकरण हुआ। इस उद्देश्य से कि यहां ऐसे अस्पताल बनेंगे, जो आम लोगों का इलाज करेंगे। उनको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएंगे लेकिन आम आदमी पार्टी के विरोध के बावजूद बीजेपी ने इस ज़मीन के टुकड़े को प्राइवेट माफियाओं के हाथ नीलाम करने का फैसला किया है। पहले यह विषय स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में आया, वहां इस प्रस्ताव को रोक दिया गया। और अब दोनों ज़मीनों की नीलामी का टेंडर बिना हाउस में लाए ही सार्वजनिक किया हुआ है।
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