राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय राष्ट्र को समर्पित करते समय मुझे अत्याधिक प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय नए विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसमें भविष्य मे स्वयं को सर्वश्रेष्ठ संगठन मे परिवर्तित करने की क्षमता है।
इस विश्वविद्यालय की स्थापना देश के सबसे सम्मानित उद्योगपति और हीरो समूह के संस्थापक श्री बृज मोहन मुंजाल के जीवन को सम्मानित करने के लिए की गई है। श्री मुंजाल स्वयं कभी कॉलेज नहीं गए, लेकिन उन्होंने कई लोगों को स्वयं के बारे में सोचने के बारे में सिखाया। मुंजाल जी ने अपने अनुभवो से कौशल में निपुणता और प्रायोगिक होने की महत्व के बारे में सीखा।उनका विश्वास था कि जीवन में शिक्षा और सीखना विश्वविद्यालय की कक्षा के भीतर और बाहर जारी रह सकता है।
श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता महिला और पुरूष के पेशे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब से 10 वर्षों के भीतर 14 करोड़ युवा कॉलेज जाने वाले आयु वर्ग में सम्मिलित होगें। दुनिया में हर चौथा स्नातक भारत के उच्च शिक्षा प्रणाली से होगा। इस प्रकार के प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में केवल योग्य कुशल और प्रशिक्षित पेशेवर ही सफलता प्राप्त करेंगे।उच्च शैक्षिण संस्थानों की जिम्मेदारी है वे ऐसे विद्यार्थी प्रशिक्षित करे जो वैश्विक स्तर पर सक्षम होने के साथ साथ स्थानीय सामाजिक और आर्थिक आवश्यकता के प्रति संवेदनशील हों।